Introduction To JavaScript JS for Beginners Study Material Notes in Hindi
Introduction To JavaScript JS for Beginners Study Material Notes in Hindi:-In this cyberpointsolution.com tutorial (Especially Introduction of JavaScript for beginners) we are going to describe about the what is the use of JavaScript in cyber programming in Hindi. And also we will describe that how can we use JavaScript in Web Development. And why we use (JavaScript) in Web Pages to make more interactive and secure. When ever we want to learn any thing the things become more earlier is somebody/tutorial/study material taught us through Examples. Here we have tried to describe each and every concept java script i.e. Object Oriented programming in the light of JavaScript using simple and best possible example. These examples are so simple that even a beginner who had never even heard about JavaScript can easily learn and understand How JavaScript works. This is the best hindi tutorial/Study Material very beneficial for beginners as well as Professional.
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
किसी भी प्रकार की Programming Language में Program या Software Develop करते समय कई Basic Steps Follow करने होते हैं | लेकिन हमेशा सबसे पहले हमें किसी Text Editor में अपनी Language से संबंधित Codes लिखकर कोंई Program Create करना होता हैं | इस प्रकार के Codes को हम जिस File में लिखते है , उस File को Source File कहा जाता है , क्योंकि Program से संबंधित मूल Codes इसी Source File में होते है और यदि हमें हमारे Program में कोंई Modification करना हो, तो हम वह Modification इसी Source File में करते है | Further we will discuss Introduction To JavaScript JS in Hindi in Hindi in this Tutorial.
What is JavaScript Source File in Hindi
Source File केवल एक Plain Text File ही होती है , जिसमे हम हमारे समझने योग्य English Language में Programming Language से संबंधित Codes लिखते है | लेकिन Computer एक Electronic Machine मात्र है , जो हिंदी , इंग्लिश, Chinese जैसी उन भाषाओं को नहीं समझता है , जिन्हें हम Human Beings Real Life में समझते है , बल्कि वह केवल Binary Language या अन्य शब्दों में कहे तो Machine Language को ही समझता है | जबकि परेशानी ये है की हम Human Beings Computer की Machine Language को आसानी से नहीं समझ सकते| Source File of Java Script is know as Java Script Source File. Fully Described in Introduction To JavaScript JS in Hindi Notes.
What is Interpreter and Compiler in Hindi
इस स्थिति में एक ऐसे Inter-Mediator की जरुरत होती है, जो हमारी English जैसी भाषा में लिखी गए Codes को Computer के समझने योग्य Machine Language में Convert कर सके और Computer के द्वारा हमारे Program के पर Generate होने वाले output या Result को हमारे समझने योग्य English जैसी भाषा में Convert कर सके | इस प्रकार के Inter-Mediator को Compiler या Interpreter कहते है |
Types of Programming Languages in Hindi
Compiler व Interpreter दोनों ही एक प्रकार के Software मात्र होते है , लेकिन इनका मूल काम हमारे Program के Codes के समझने योग्य मशिनी भाषा में और मशिनी भाषा में Generate होने वाले Results को हमारे समझने योग्य English जैसी भाषा में Convert करना होता है | इस प्रकार से Programming की दुनिया में मूल रूप से दो प्रकार की Programming Languages है :
Compiler Based Programming Language in Hindi
- पहले प्रकार की Programming Languages को Compiler Based Programming Language कहते है , जिसके अंतर्गत “C”, “C++” जैसी Languages आती है | इस प्रकार की Languages की मूल विशेषता ये है की इस प्रकार की Programming Language में हम जो Program Create करते है , उन्हें Compile करने पर वे प्रोग्राम पूरी तरह से Machine Codes में Convert हो जाते है , जिन्हें हमारा Computer Directly Run करता है |
Compiler Based Programming Language की मूल विशेषता ये होती है की जब हम हमारे किसी Program को उसके Compiler द्वारा Compile कर लेते है, तो एक नयी Executable File बनती है , जिसमे केवल Computer के समझने योग्य Machine Codes होते है और इस File को Run करने के लिए अब हमारी Source File को Run करने के लिए अब हमारी Source File की जरुरत नहीं रहती |
ये Executable File पूरी तरह से Current Computer Architecture व Operating System पर आधारित होती है | यानि यदि हम किसी Program को उस Computer पर Compile करे जिस पर Windows Operating System Run हो रहा हो , और Genrate होने वाली Executable File को हम किसी दुसरे ऐसे Computer पर Run करने की कोशिश करें , जिस पर Linux Operating System हो , तो हमारा Program Linux Operating System par Run नहीं होगा , क्योकि Compiler Based Programming Language के Compiler द्वारा Genrate होने वाली File हमेशा अपने Operating System व Computer Architecture पर Depend होती है इसलिए पूरी तरह से portable नहीं होती |
लेकिन चुकी Compiler Based Programming Language में Program को Compile करने पर एक नयी Executable File Ban जाती है, जो की पूरी तरह Current Operating System व Computer Architecture पर आधारित होती है , इसलिए इस Executable File को अब उसके Source File की जरुरत नहीं रहती |
यानि एक बार किसी Program को Compile करके उसकी Executable File प्राप्त कर लेने के बाद अब यदि हम उसकी source file को डिलीट भी कर दे , तब भी उसकी Executable file के आधार पर Computer हमारें Program को Run करेगा |लेकिन यदि हमें Program में कोंई Modification करना हो , तो हमें फिर से उस Program की source file की जरुरत होगी, जिसे हमने Compile किया था और Modification करने के बाद हमें फिर से अपनी source file को Compile करके एक नयी Executable File Create करनी होगी, तभी हमारा Computer हमारे Modified हमारे Modified Program को समझ सकेगा |
यानि Compiler Based Programming Language को अपने Source Program की जरुरत केवल एक बार उस समय होती है , जब Source Program को Compile करके Executable File Create किया जाता है |
Scripting Programming Languages in Hindi
2. जबकि दूसरी प्रकार की Programming Languages को Interpreter Based Programming Language कहते है और इस प्रकार की Programming Language की मुख्य विशेषता ये होती है की Interpreter Based Programming Language कभी भी Machine Depended Executable Files Create नहीं करते , इसलिए हमेशा अपनी Source File पर Depend होते है |
यानि हलाकि Compiler व Interpreter दोनों ही हमारे Program को Machine Codes में Convert करते है , ताकि हमारा कंप्यूटर उसे समझ सके , लेकिन Compiler Based Programming Language अपने Computer Architecture व Operating System पर Dependent एक नयी Executable File Create करता है , इसलिए उसे अपनी source file की जरुरत नहीं होती है | जबकि Interpreter Based Programming Language किसी भी तरह की की नयी Executable File Create नहीं करता | परिणामस्वरूप Interpreter Based Programming Language को हमेशा अपनी Source File की जरुरत रहती है और यदि हम source file को Delete कर दें , हमारा Program भी हमेशा के लिए खत्म हो जाता है |
चुकी Interpreter Based Programming Language की कोंई Executable Create नहीं होती, इसलिए इनमे बने हुए Programs को Run होने के लिए हमेशा किसी न किसी Host Environment की जरुरत होती है , जिनमे Interpreter Based Language के Programs रन होते है |
इसी वजह से किसी भी Interpreter Based Programming Language में यदि किसि प्रकार का परिवर्तन करना हो तो, उसकी Source File को ही Modify करना होता है और जब हम उस Modified Source File को फिर से Interpret करते है, हमें उसका Modification तुरंत Reflect हो जाता है , जबकि Compiler Based Languages में हमें Source Filed में Modification करने के बाद उसे फिर से Compile करना जरुरी होता है , अन्यथा Modification को कोंई Effect हमें Executable Program में दिखाई नहीं देता |
Advantage and Disadvantages of Interpreter and Compiler Programming Language in Hindi
Interpreter व Compiler दोनों ही प्रकार की Programming Languages की एक विशेषता व एक कमी है | चुकी Compiler Based Programs की हमेशा एक Executable File बनती है , जो की पूरी तरह से Current Computer Architecture व Operating System पर Depend होती है , इसलिए Compiler Based Programs की Speed हमेशा Interpreter Based Programs की तुलना में Fast होती है , क्योकि Interpreter Based Programs की तरह इन्हें बार-बार Machine Codes में Convert नहीं होना परता है |
लेकिन Interpreter Based Programs किसी भी Computer Architecture व Operating System पर बिना Recompile किये हुए ज्यो के त्यों बार-बार Run हो सकते है| यानि ये है Portable होते है क्योकि ये हमेशा अपने Host Environment में Current Computer Architecture व Operating System के आधार पर बार -बार हर बार Interpret होते है यानि Machine Codes में Convert होते है और Program Run होने के बाद इनके Machine Codes समाप्त हो जाते है |
“C”, “C ++” जैसी Programming Language , Compiler Based Programming Languages है , जबकि HTML , CSS ,XML , JavaScript, ASP आदि Interpreter Based Markup व Clinet Side Scripting Languages है , जो हमेशा किसी Host Environment में Run होते है | यानि इनका अलग से कोंई Inter-Mediator Software नहीं होता बल्कि इनका Interpreter इनके Host Environment के अन्दर ही होता है | इस टुटोरिअल में आप JavaScript Notes in Hindi को Codes and Examples की सहायता से समझाया गया है. ये JavaScript Study Material in Hindi Beginners के साथ साथ Advanced Professional JavaScript Programmers को ध्यान में रख कर बनाया गया है.
what is Host Environment Software in Hindi
Host Environment वह Software होता है , जिनमे विभ्हीन Interpreter Based Programming Languages के Programs Run होते है | उदाहरन के लिए Web Browser वह Host Environment होता है , जहाँ HTML , XML ,CSS ,JavaScript आदि के प्रोग्राम्स Run होते है और हमें इनका Output एक Rendered Web page के रूप में दिखाई देता है |
जैसा की हमने पहले भी कहा की JavaScript एक Client Side में Run होने वाली Interpreter Based Scripting Language है और Interpreter Based होने की वजह से JavaScript का अलग से कोंई Interpreter Software नहीं होता होता , बल्कि JavaScript Programs जिस Software में Run उन Software में ही JavaScript के Engine को Build किया गया होता है |
सामान्यत: Web Browsers ही JavaScript का Host Environment होते है , लेकिन इसका मतलब ये नहीं की JavaScript के Programs केवल Web Browsers में ही Run हो सकते है | वास्तव में सच्चाई ये है की जिस किसी भी Software में JavaScript Engine Embedded होता है , हर उस Software में JavaScript के Programs Run हो सकते है |
इसलिए JavaScript केवल Web Browsers में ही Use नहीं किया जाता बल्कि JavaScript Engine को कई अन्य Platforms में भी Embed किया गया है , जहाँ JavaScript के Programs Run हो सकते है |
उदहारण के लिए Adobe Flash एक प्रकार का Animation Software है , जहाँ Programming Language के रूप में ActionScript को Use किया जाता है | ये भी एक प्रकार की JavaScript Language ही है | इसी तरह से Adobe PDF Reader में भी JavaScript Supported है |
वर्तमान समय में विभ्भिन प्रकार के Web Development IDES उपलब्ध है , जैसे की Adobe Dreamweaver , Eclipse , NetBeans आदि , इनमे भी JavaScript Supported है , इसलिए ये भी JavaScript के Host Environments है
यानि हम जिस Software को use कर रहे है , यदी उसमे ECMAScript Standard आधारित कोंई भी Scripting Language Supported है , तो वह प्रकार से JavaScript का भी Host Environment है | चुकी JavaScript का सबसे ज्यादा प्रयोग Web Pages व Web Applications को Interactive (User Interaction Supported ) बनाने के लिए किया जाता है , इसलिए इस JavaScript के इस cyberpointsolution.com के Hindi Tutorial में Web Browsers ही JavaScript का Host Environment है |
Basic Concept Of Object Oriented Programming System (OOPS) Fundamental Of JavaScript with Examples In Hindi
Follow Us On Cyber Point Solution Youtube Channel : Click Here
Follow Us on Social Platforms to get Updated : twiter, facebook, Google Plus
Learn More Ethical Hacking and Cyber Security click on this link. cyber security